उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही, धराली गांव में चार की मौत, दर्जनों लापता

Vivek Rakshit
Vivek Rakshit - Author
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मंगलवर को दोपहर 1 से 2:00 के दारमियां उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फट गया. बताया जा रहा है कि यह घटना खीर गंगा नदी के ऊपरी हिस्से की है. जिससे उस इलाके में भीषण बाड़ आ गई. भयंकर बाढ़ ले कारण चार लोगो की मौत हो गई तथा कई लोगो की लापता होने की आशंका है. प्रशासन और स्थानीय लोग इसे क्षेत्र की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक मान रहे हैं। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

आपदा का विस्तार

  • हादसा मंगलवार दोपहर 1:45 बजे का है. अचानक तेज बारिश के साथ बादल फट गया और खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई, जिसके कारण पानी, मलबा व बोल्डर जोरदार धार के साथ धराली गांव में घुस आए।
  • बाढ़ के कारण गांव के दर्जनों घर, होटल, होमस्टे और बाजार पूरी तरह से बह गए और कई लोग मलबे में फंस गए।
  • जानमाल के नुकसान का आकलन अभी जारी है। अभी तक आधिकारिक तौर पर चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों को आशंका है कि मलबे के नीचे 10-12 लोग दबे हो सकते हैं और 20 से 25 होटल-होमस्टे बह गए हैं।
  • राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और लोक निर्माण विभाग के दर्जनों जवानों और अफसरों की टीमें घटनास्थल पर मौजूद हैं। सेना की मदद से 15-20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

प्रभावित क्षेत्र और स्थिति

धराली गांव गंगोत्री मार्ग पर स्थित एक प्रमुख पर्यटन एवं तीर्थ स्थल है. यहां पर पयर्टकों और तीर्थयात्रियों के लिए कई होटल व भोजनालय हैं। बाढ़ के कारण बाजार और यात्री सुविधाएं पूरी तरह तबाह हो गईं। घटनास्थल से वायरल हुए दृश्यों में देखा गया कि कैसे बाढ़ का पानी घरों, दुकानों और सड़कों को बहाकर ले गया व मलबे का ढेर छोड़ गया।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों (10 अगस्त तक) उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे और अधिक भूस्खलन और बाढ़ की संभावना बनी हुई है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हालात पर नजर बनाए हुए हैं और प्रभावितों की हर संभव मदद एवं तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने स्थानीय लोगों को नदी व नालों से दूर रहने को कहा है।

निष्कर्ष

धराली में इस प्राकृतिक आपदा के बाद राहत व बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है। मौसम विभाग की चेतावनी के चलते प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। प्रभावितों को सुरक्षित निकालने तथा पुनर्वास की प्रक्रिया में राज्य शासन और केंद्र से सहायता मिल रही है।

यह घटना उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मानसून के दौरान आने वाली आकाल्पनिक आपदाओं की गंभीरता को एक बार फिर उजागर करती है।

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Semyon zolotaryov : a38 year old experienced hiker and mountaineer.